FACTS ABOUT SHIV CHAISA REVEALED

Facts About Shiv chaisa Revealed

Facts About Shiv chaisa Revealed

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शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज

लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।

शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

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दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी shiv chalisa in hindi और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।

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सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।

अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

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